किसी दूसरे मनुष्य जितनी ही, मैं भी एक मनुष्य हूँ।" किसी दूसरे मनुष्य जितनी ही, मैं भी एक मनुष्य हूँ।"
आज देवयानी की मरूभूमि की तरह दग्ध छाती को थोड़ी राहत मिली है। शायद उसका प्रायश्चित पूरा आज देवयानी की मरूभूमि की तरह दग्ध छाती को थोड़ी राहत मिली है। शायद उसका प्रायश्च...
तुम्हारी हैसियत बहुत ऊँची है सोनी !....तुम तो मेरी होने वाली बीवी हो . तुम्हारी हैसियत बहुत ऊँची है सोनी !....तुम तो मेरी होने वाली बीवी हो .
सौम्या की बात ने आज फिर एकबार उसके पिता को निरुत्तर कर दिया। और उनका सर शर्म से नीचे झु सौम्या की बात ने आज फिर एकबार उसके पिता को निरुत्तर कर दिया। और उनका सर शर्म से ...
इशारा पाते ही वही ताला आसानी से खोल देती है। उसने हमे समझाते हुए कहा। इशारा पाते ही वही ताला आसानी से खोल देती है। उसने हमे समझाते हुए कहा।
निस्वार्थ भाव से अपने परिवार की बगियाँ को अपने स्नेह से सींचते रहते है। निस्वार्थ भाव से अपने परिवार की बगियाँ को अपने स्नेह से सींचते रहते है।